बचेली में श्री गुरु घासीदास जी की जयंती पर निकला भव्य नगर कीर्तन, श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम
बचेली नगर में श्री गुरु घासीदास जी की जयंती के पावन अवसर पर बुधवार को भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में नगरवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पूरे शहर में भक्ति, आस्था और सामाजिक समरसता का वातावरण देखने को मिला। नगर कीर्तन के माध्यम से श्री गुरु घासीदास जी के संदेशों—सत्य, अहिंसा, समानता और मानवता—को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
सुबह से ही बचेली नगर में उत्सव जैसा माहौल बन गया था। नगर कीर्तन की शुरुआत विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुई, जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों, भजन-कीर्तन और जयकारों के साथ शोभायात्रा नगर भ्रमण के लिए निकली। श्रद्धालु “सतनाम” के जयघोष करते हुए पूरे उत्साह के साथ नगर कीर्तन में शामिल हुए। पुरुषों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों की बड़ी संख्या ने इस आयोजन में सहभागिता निभाई।

नगर कीर्तन बचेली के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरा। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। धार्मिक झांकियों और भजनों के माध्यम से श्री गुरु घासीदास जी के जीवन, उनके विचारों और समाज सुधार के कार्यों को दर्शाया गया। कीर्तन के दौरान वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया, जिससे नगरवासियों में आपसी भाईचारे और एकता की भावना और अधिक मजबूत हुई।
नगर भ्रमण के दौरान सुभाष नगर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष सेवा व्यवस्था की गई। यहां सुखविंदर सिंह जी के परिवार की ओर से हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चाय और नाश्ते की व्यवस्था की गई। इस सेवा कार्य में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। सेवा शिविर पर श्रद्धालुओं की लगातार आवाजाही बनी रही और आयोजकों ने पूरे समर्पण के साथ सभी को प्रसाद वितरित किया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के सेवा कार्य समाज में सहयोग और परोपकार की भावना को बढ़ावा देते हैं। सुखविंदर सिंह जी के परिवार द्वारा वर्षों से निरंतर की जा रही यह सेवा श्रद्धालुओं के बीच विशेष रूप से सराहनीय मानी जाती है। नगर कीर्तन में शामिल लोगों ने इस व्यवस्था के लिए परिवार का आभार व्यक्त किया और उनके सेवा भाव की प्रशंसा की।
नगर कीर्तन के दौरान प्रशासन और स्वयंसेवकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवक पूरे मार्ग पर तैनात रहे। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए आयोजन समिति और स्थानीय प्रशासन ने आपसी समन्वय से कार्य किया। परिणामस्वरूप, पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संपन्न हुआ।
श्री गुरु घासीदास जी को छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों में महान समाज सुधारक और संत के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई और समानता, सादगी व मानवता का संदेश दिया। उनकी जयंती पर निकाला जाने वाला नगर कीर्तन न केवल धार्मिक आयोजन होता है, बल्कि समाज को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा भी देता है।
नगरवासियों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का अवसर मिलता है। साथ ही, समाज में एकता, सहयोग और सद्भाव का संदेश भी फैलता है। कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं, सेवा प्रदाताओं और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
अंत में, बचेली में आयोजित श्री गुरु घासीदास जी की जयंती का यह नगर कीर्तन आस्था, सेवा और सामाजिक एकजुटता का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया। श्रद्धालुओं के उत्साह और सेवाभाव ने यह सिद्ध कर दिया कि ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने और सकारात्मक ऊर्जा फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
